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संवारा खुद को मगर तेरे बिन संभल न सके। बदलना खूब च

संवारा खुद को मगर तेरे बिन संभल न सके।
बदलना खूब चाहा खुद को बदल न सके।
जहाँ पर तुम जाओ वही मंजिल दिल की।
जुदा होकर तुमसे कभी एक कदम चल न सके।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी जुदा होकर तुमसे कभी एक कदम चल न सके।
संवारा खुद को मगर तेरे बिन संभल न सके।
बदलना खूब चाहा खुद को बदल न सके।
जहाँ पर तुम जाओ वही मंजिल दिल की।
जुदा होकर तुमसे कभी एक कदम चल न सके।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी जुदा होकर तुमसे कभी एक कदम चल न सके।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी जुदा होकर तुमसे कभी एक कदम चल न सके।