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खुले आकाश मे देख आजाद पंछी, दिल हमारा भी कहता हैं


खुले आकाश मे देख आजाद पंछी,
दिल हमारा भी कहता हैं जी ले जऱा !!
फिर न जाने हम इतने कयो टूटे हैं
जीने से इतना कयो रूठे हैं!!!  हैरानी होती हैं,
सीमाएं सारी जब लाँघ दी जाती हैं।
शर्म हया तो वो खोते,
फिर नजरें हमारी कयों झुकती हैं?
पर्दे लज्जा के वो फाडे,
इजजत हमारी दाँव पर लगती हैं ।
कृत्य घिनौने वो करते,
पहनावे परखें हमारे जाते हैं।

खुले आकाश मे देख आजाद पंछी,
दिल हमारा भी कहता हैं जी ले जऱा !!
फिर न जाने हम इतने कयो टूटे हैं
जीने से इतना कयो रूठे हैं!!!  हैरानी होती हैं,
सीमाएं सारी जब लाँघ दी जाती हैं।
शर्म हया तो वो खोते,
फिर नजरें हमारी कयों झुकती हैं?
पर्दे लज्जा के वो फाडे,
इजजत हमारी दाँव पर लगती हैं ।
कृत्य घिनौने वो करते,
पहनावे परखें हमारे जाते हैं।

हैरानी होती हैं, सीमाएं सारी जब लाँघ दी जाती हैं। शर्म हया तो वो खोते, फिर नजरें हमारी कयों झुकती हैं? पर्दे लज्जा के वो फाडे, इजजत हमारी दाँव पर लगती हैं । कृत्य घिनौने वो करते, पहनावे परखें हमारे जाते हैं। #Rape #Stop #yqbaba #RESPECTWOMEN #rapevictim #yqquotes #punishRapists #architaavijyotsinghthakur