जान निकल जाती है एक रचना बनाने में, तुम तरस नहीं खाते उसे अपना बताने में। ये शेर लेखनी चुराने वाले चोरों के नाम। बशीर बद्र जी के मशहूर शेर से प्रेरित है: "लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में।" - 'बशीर बद्र' #yqbaba #dimri #plagiarism