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धुंधले हुए सपने ढहने लगी मुराद अब तो वह भी छोड़ च

धुंधले हुए सपने
ढहने लगी मुराद
अब तो वह भी 
छोड़ चली 
जिससे करके बातें 
दिल करते थे आबाद।।

©Mohan Sardarshahari
  #धुंधले सपने