नमन मित्रो दिल में यादो का अरमान मचल जाता है दरिया में तूफान आके जैसे सम्भल जाता है टूटते रहते है किनारे हर पल - पल पल जब कोई साहिल आके किनारो से टकरा जाता है चलता रहता है तेरी यादो में मिलो मील जब कोई दूर आशियाना नजर आता है ढूंढता रहता हूँ जर्रे दीवारो में जिसे ओ अक्सर मेरी झरोखो में नजर आता है।। मुकेश चौधरी, दीप 08/11/2010 #world