चलो फिर राज़ ताज़ा कर लेते हैं, यादों के पिटारे से, चलो कुछ बात कर लेते हैं, आसमाँ के टूटते तारे से, यूँ खामोश भी तो महफ़िल मुक्कमल नहीं होती, कोशिश के बिना ही दावेदारी प्रबल नहीं होती, तो कुछ कदम तुम चलो, कुछ दूरी मुझपर छोड़ दो, हाल पर अपने ध्यान दो, सवाल इस ओर मोड़ दो, क्या आसमाँ-सा खाली और समन्दर-सा शोर हूँ मैं, मैं ही अकेली रात हूँ, और खिलखिलाता भोर हूँ मैं। तो जगमग दिन की तुम ले लेना, मैं बिखरी रैन सही, होंठो की हंसी तुम रखना, मैं बेचैन दो नैन सही। #3april2k17 #NaPoWriMo #YQPoetry #YQBaba #YQDidi #YQ #शीर्षक #title #गुफ्तगू #बात_दिल_से #राज़ #मिलन #महफ़िल #बेचैन_नैन #silences #talkative_heart #day_night...... #शितांशु_रजत.......