उत्सव की रात बड़ी मुद्दतों के बाद जिंदगी प्यार की सौगात लाई है, तरस रहे थे जिसके लिए वो उत्सव की रात आई है। बुने थे जो हसीं ख्वाब हमने तन्हाई में बस तेरे लिए, तू मेरे उन्हीं हसीं ख्वाबों की ताबीर बन कर आई है। मुरझा गया था जो तेरे बगैर मेरे प्यार का गुलशन तू मेरे उसी प्यार के गुलशन को महकाने आई है। तेरे बगैर गुजारे हैं ना जाने कितने ही सावन हमने, तू मेरे जीवन के सावन को खुशनुमा बनाने आई है। बेमकसद और अधूरी सी लगती थी ये मेरी जिंदगी, मेरी जिंदगी को पूरी करके इसे जन्नत बनाने आई है। 14/10/2021 #kkउत्सवकीरात #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़