तुझे याद करते करते थक कर सो जाते हैं सोचते हैं हकीकत में तुम याद करते नहीं शायद सपने में ही इकरारे मोहब्बत करो कुछ अपनी कहो कुछ हमारी सुनो समय की भी ना हो जहां बंदिशे शायद येसी गुजारिश करो #सो जाते हैं#