Believe मुक़म्मल तुम्हें पाने के ख़याल और खोने के डर से बहोत ऊपर हूँ अब, श़ुक्र है कि न तुम मेरे हुए, ना मैं किसी और की रही l कभी यूँ भी लगा था कि तेरे बग़ैर अधूरी है ज़िन्दगी, पर अब यकीं है के मेरे अकेले के इश्क़ से मुकम्मल हूँ मैं l Debutant on #nojoto #firstquote #feelings #liners #debulines Shivendra Trivedi (सारांश)