के सर पर यू तेरा पल्लू ढकना, क्या अदा तुम्हारी ख़ास हैं पर यू उनका चुप-चुप सा रहना, नहीं आता मुझको रास हैं कुछ बात करें मुलाकात करे, बस तुम और मैं दिन रात करे अब तुम मुझमें और मैं तुममे कुछ यू आपस में मिल जाये जैसे सदियों से मुरझाये फूलों की कलियां फिर खिल जाये तेरे चेहरे पर मुस्कान जो सुन्दर, बस इसी लिए तुम्हें हैं तकना के सर पर यू तेरा पल्लू ढकना ©Amit Tanwar #palludhakna