मसरुफ़ियत में जीते थे हर रिश्ते को तांक पर रख कर आज घरों में कैद हैं, बैठे हैं हाथों पे हाथ रख कर ग़मज़दा होना अच्छा नहीं है मेरे दोस्तों ज़िन्दगी की गुज़र बसर के लिए कोई तो जाए चराग रख कर #quarantinedays #yqdidi #yqquotes #yqthoughts #thoughtwriter