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“ जब शरीर नष्ट होता हैं तब सब नष्ट हो जाता हैं।

“ जब शरीर नष्ट होता हैं तब सब नष्ट हो जाता हैं। 

लेकिन यादों के धागों में स्थायी कण बुने होते हैं। 

इन कणों को चुनुँगी और धागों में बुनकर फिर तुमसे मिलुँगी। 

(मशहूर पंजाबी कवयित्री एवं लेखीका “अमृता प्रीतम जी ” द्वारा लिखित “मैं तेनु फिर मिलांगीं” से)  #अमृता_प्रीतम_जी #मैं_तुमसे_फिर_मिलुँगी # nojotoapp #nojotohindi #poetry
“ जब शरीर नष्ट होता हैं तब सब नष्ट हो जाता हैं। 

लेकिन यादों के धागों में स्थायी कण बुने होते हैं। 

इन कणों को चुनुँगी और धागों में बुनकर फिर तुमसे मिलुँगी। 

(मशहूर पंजाबी कवयित्री एवं लेखीका “अमृता प्रीतम जी ” द्वारा लिखित “मैं तेनु फिर मिलांगीं” से)  #अमृता_प्रीतम_जी #मैं_तुमसे_फिर_मिलुँगी # nojotoapp #nojotohindi #poetry