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Unsplash आवारा बादल ले के,दिल आशिक़ाना बैठा है, शरी

Unsplash आवारा बादल ले के,दिल आशिक़ाना बैठा है,
शरीफ़ों की महफ़िल में,बेजान दीवाना बैठा है।
सब टूट गया और हर सपना यूँ बिखर गया,
आशिक़ ले अब ज़ख्म का,नज़राना बैठा है।
ना तू ख़ुदा है और ना है तू कोई मस्त-कलंदर,
फिर भी आँखों में ले के,कैसा पैमाना बैठा है।
यार कब तलक  "अनिल" को यूँ देखता रहेगा,
सदियों से जो पागल हो के,पागलखाना बैठा है।

©ANIL KUMAR,) #Shaayari 
#gazal 
#anilkumar 
#anil_quotes 
#मेरीलेखनी✍️(अनिल कुमार)
Unsplash आवारा बादल ले के,दिल आशिक़ाना बैठा है,
शरीफ़ों की महफ़िल में,बेजान दीवाना बैठा है।
सब टूट गया और हर सपना यूँ बिखर गया,
आशिक़ ले अब ज़ख्म का,नज़राना बैठा है।
ना तू ख़ुदा है और ना है तू कोई मस्त-कलंदर,
फिर भी आँखों में ले के,कैसा पैमाना बैठा है।
यार कब तलक  "अनिल" को यूँ देखता रहेगा,
सदियों से जो पागल हो के,पागलखाना बैठा है।

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#मेरीलेखनी✍️(अनिल कुमार)
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