दर्द कितना भी हो सह जाऊंगा मैं, तेरी मिट्टी के कण-कण में बस जाऊंगा मैं, चाहे होगें सामने दुश्मन हजार, चाहे जितनी भी तेज हो उनकी ललकार, फिर भी अपने तिरंगे को सबसे ऊपर फहराऊंगा मैं, दर्द कितना भी हो सह जाऊंगा मैं । Tribute