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जब भी मैने शुकुन की तालाश मै निकली चारों तरफ़ देखा

जब भी मैने शुकुन की तालाश मै निकली
चारों तरफ़ देखा
कही न शुकुन पाया।।।।।।।।।।
लेकिन जैसी ही तेरे गोद मै सर रखा।।
एक अजब सा शांति की असहास हुईं।।।
मानो ऐसा लग रहा हों क़ि पूरी दुनियां क़ी चकचोन्द एक तरफ़ औऱ तेरी गोद मे सोने का शुकुन एक तरफ़।।।।।।। #माँ
जब भी मैने शुकुन की तालाश मै निकली
चारों तरफ़ देखा
कही न शुकुन पाया।।।।।।।।।।
लेकिन जैसी ही तेरे गोद मै सर रखा।।
एक अजब सा शांति की असहास हुईं।।।
मानो ऐसा लग रहा हों क़ि पूरी दुनियां क़ी चकचोन्द एक तरफ़ औऱ तेरी गोद मे सोने का शुकुन एक तरफ़।।।।।।। #माँ