अशोक गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत ने केवल कांग्रेस नेतृत्व पर विशेष रूप से गांधी परिवार की चाहत की ही नहीं कराई बल्कि यह प्रश्न खड़ा कर दिया कि क्या राजस्थान में पंजाब के रास्ते पर जाने वाला है इससे विचलित और कुछ है ही नहीं कि जो अशोक गहलोत गांधी परिवार के सबसे विश्वासपात्र काहे बताए जा रहे हैं उन्होंने ही इस की इच्छा के खिलाफ काम कर उसे नीचा दिखा हैरानी नहीं है कि इसके बाद उनका काग्रेस अध्यक्ष बनना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि यह पहली बार जब गांधी परिवार की चाहत के खिलाफ किसी कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने ऐसी खुली बगावत की यह राजस्थान गए कांग्रेस के पर्यवेक्षकों के इस कथन से स्पष्ट भी होता है कि गहलोत समर्थक विधायकों की ओर से समांतर बैठक करना अनुशासनहीनता ज्ञात हो कि इसकी बैठक में गहलोत समर्थक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप यह संभव नहीं किए अशोक गहलोत की इच्छा के हुई है इसमें संदेश है कि कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सके तो कांग्रेसमें और तेज हो सकती है ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी के अंदर मची खलबली किसे बनाया जाए मुख्यमंत्री #Hope