White मुद्दतों से दिल को है बस तेरा इंतज़ार, राह में ठहर गया है फिर तेरा इंतज़ार। चाँदनी भी पूछती है क्यों उदास हूँ, शबनमी हवा में घुला है तेरा इंतज़ार। ख़्वाब में भी आके उलझे कुछ सवाल हैं, जागते ही रह गया बस तेरा इंतज़ार। बारिशों की बूँद कहती एक रोज़ तू, ख़त्म कर लेगा कभी ये तेरा इंतज़ार। अब तो शाम-ओ-सुबह हर घड़ी ये दिल, कर रहा है बेख़ुदी से तेरा इंतज़ार। ©Shailendra Gond kavi #Sad_Status शायरी हिंदी में #Shailendra_Gond_kavi #Shayari #Nojoto