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शाम को मिलते हैं ! - बरसों निकले हो गए घर से, आओ

शाम को मिलते हैं ! -

बरसों निकले हो गए घर से,
आओ अब, वापस चलते हैं ...  (पुराने दोस्तों से मिलने )
चलो फिर शाम को मिलते हैं !
वो बैठ, नहर की पुलिया पर,
कुछ बीती बातें गढ़ते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
कुछ रंग मंच के नाटक ...
गली मोहल्ले में करते हैं,
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
फिर बैठ पुरानी यादों को,
नए रंग से भरते हैं ....
चलो फिर शाम को मिलते हैं !  
वो स्कूल वाली तफरी, 
भरी जवानी में करते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
इस ठंड के मौसम में,
गर्म चाय की चुस्की भरते हैं,
चलो फिर शाम को मिलते हैं ! 
इस सोशियल मीडिया के चक्कर से,
थोड़ा बाहर को निकलते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
इस सूने पड़े शहर को, 
फिर अपनी भीड़ से भरते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं !  


 ~ प्रवीण कुमार पुरानी दोस्ती नई मुलाकातें ! 

#Importance_of_friends
शाम को मिलते हैं ! -

बरसों निकले हो गए घर से,
आओ अब, वापस चलते हैं ...  (पुराने दोस्तों से मिलने )
चलो फिर शाम को मिलते हैं !
वो बैठ, नहर की पुलिया पर,
कुछ बीती बातें गढ़ते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
कुछ रंग मंच के नाटक ...
गली मोहल्ले में करते हैं,
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
फिर बैठ पुरानी यादों को,
नए रंग से भरते हैं ....
चलो फिर शाम को मिलते हैं !  
वो स्कूल वाली तफरी, 
भरी जवानी में करते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
इस ठंड के मौसम में,
गर्म चाय की चुस्की भरते हैं,
चलो फिर शाम को मिलते हैं ! 
इस सोशियल मीडिया के चक्कर से,
थोड़ा बाहर को निकलते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं ! 
इस सूने पड़े शहर को, 
फिर अपनी भीड़ से भरते हैं ...
चलो, फिर शाम को मिलते हैं !  


 ~ प्रवीण कुमार पुरानी दोस्ती नई मुलाकातें ! 

#Importance_of_friends
praveen6614

Praveen

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