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मजबूर है वो घरवालो के खातिर, चाहत है मिलने की पर म

मजबूर है वो घरवालो के खातिर,
चाहत है मिलने की पर मिलना नहीं चाह रही है,
मोहब्बत है उसे ये जानती है वो भी,
पर मोहब्बत के वो तीन शब्द नहीं बोल पा रही है।।

वो रात में मेरा इंतज़ार उसके प्यार की निशानी है,
निशानी भी ऐसी जो बयां नहीं हो पा रही है,
कैसे करूँ पता वो उसकी अनकही बाते,
ख़ामोशी उसकी है पर जान तो मेरी जा रही है।।

चेहरे से ज्यादा ख़ूबसूरत दिल है उसका,
मदहोश आँखों में ये काजल क्या कहर ढा रही है।
दूध सा सफ़ेद क्या रंग है उसका,
उस पर ये काले बाल मेरी जान जा रही है।।

नहीं आता उसको हर बात शब्दो में पिरोना,
उसको नहीं खबर पर मुझे हर बात समझ आ रही है,
देखा नहीं उसको कभी पर गज़ब का है ये रिश्ता,
और रिश्ता भी ऐसा के ज़िन्दगी बदलती जा रही है। #zindagibadalrahihai #part5
मजबूर है वो घरवालो के खातिर,
चाहत है मिलने की पर मिलना नहीं चाह रही है,
मोहब्बत है उसे ये जानती है वो भी,
पर मोहब्बत के वो तीन शब्द नहीं बोल पा रही है।।

वो रात में मेरा इंतज़ार उसके प्यार की निशानी है,
निशानी भी ऐसी जो बयां नहीं हो पा रही है,
कैसे करूँ पता वो उसकी अनकही बाते,
ख़ामोशी उसकी है पर जान तो मेरी जा रही है।।

चेहरे से ज्यादा ख़ूबसूरत दिल है उसका,
मदहोश आँखों में ये काजल क्या कहर ढा रही है।
दूध सा सफ़ेद क्या रंग है उसका,
उस पर ये काले बाल मेरी जान जा रही है।।

नहीं आता उसको हर बात शब्दो में पिरोना,
उसको नहीं खबर पर मुझे हर बात समझ आ रही है,
देखा नहीं उसको कभी पर गज़ब का है ये रिश्ता,
और रिश्ता भी ऐसा के ज़िन्दगी बदलती जा रही है। #zindagibadalrahihai #part5