!!तो बुरा क्या है!! ............... ग़म उठाने का आदी हूं मैं तो,गम एक और मिलें तो बुरा क्या है! जब पतझड़ ही नसीब बन जाए, और फूल न खिले तो बुरा क्या है!! !! मुबारक हो तुम्हें खुशीयां,और तुम,चैन से सो जाओ ज़माने वालो! हम दर्द के साथी हैं,सुनो यारों, दर्द एक और मिले तो बुरा क्या है!! !! महलों के नहीं हम भी जो धुपों से झुलस जाएंगे! हम सड़क के लोगों को, छांव न भी मिले तो बुरा क्या है!! ©Meet 2 हम तो दर्द सहने के आदी हैं दर्द एक और मिलें तो बुरा क्या है... #HandsOn