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पल्लव की डायरी धूप छाव को ओढ़कर, प्रगति के पथ पर आज

पल्लव की डायरी
धूप छाव को ओढ़कर, प्रगति के पथ पर आज खड़े है
समय के थपेड़ों में तपकर, स्वाभिमान की तस्वीर गढ़े है
अंतर्विरोधों और षडयंतो के वावजूद
दुनियाँ में आज भी सीना ताने खडे है
लोकतंत्र अपनाकर भी, कुछ देश वही खड़े है
भारत के सभी तंत्र आज भी इन मन्त्रों पर जीते है
जन जन के विश्वासों पर, खुशहाली के कदम पड़े है
आम आदमी की सहमति से
इतने बड़े लोकतंत्र में, सभी जाति धर्मो और भाषा के
अधिकार सुरक्षित बने है
73 वे गणतंत्र की मजबूती देखो
उथल पुथल सारी दुनिया मे, संघषों का आगाज है
मगर भारत आज भी शांति दूत बन
मानवता का पेहरी बनकर,सबका मददगार है
                                              प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #RepublicDay 
मानवता का पेहरी बनकर,सबका मददगार है
#RepublicDay
पल्लव की डायरी
धूप छाव को ओढ़कर, प्रगति के पथ पर आज खड़े है
समय के थपेड़ों में तपकर, स्वाभिमान की तस्वीर गढ़े है
अंतर्विरोधों और षडयंतो के वावजूद
दुनियाँ में आज भी सीना ताने खडे है
लोकतंत्र अपनाकर भी, कुछ देश वही खड़े है
भारत के सभी तंत्र आज भी इन मन्त्रों पर जीते है
जन जन के विश्वासों पर, खुशहाली के कदम पड़े है
आम आदमी की सहमति से
इतने बड़े लोकतंत्र में, सभी जाति धर्मो और भाषा के
अधिकार सुरक्षित बने है
73 वे गणतंत्र की मजबूती देखो
उथल पुथल सारी दुनिया मे, संघषों का आगाज है
मगर भारत आज भी शांति दूत बन
मानवता का पेहरी बनकर,सबका मददगार है
                                              प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #RepublicDay 
मानवता का पेहरी बनकर,सबका मददगार है
#RepublicDay