वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि हमारी महफिल से अलविदा दोस्तों! दूर जा रहे हैं अलविदा दोस्तों!! ऐसी शुखियों का दौर शायद फिर नसीब ना हो! आने वाली खुशियों में मैं भी शायद शरीक न हो!! पर जब भी जिन्दगी में खुद को परेशान पाएगें! फिर आप के साथ बिताए हुए दिन याद आयेंगें!! दौर अपना खत्म हुआ अब ,जाना ही होगा! कदमों को इन राहों से हटाना ही होगा!! पर जब भी ईन राहों पर औरों को पायेंगे! फिर आपके साथ बिताये हुए दिन याद आएगें!! कमी तुम्हारी हम कभी न भूल पायेंगे! नाचते समय तुम तुरन्त याद आओगे!! खेल हमारे अब हम न खेल पायेंगे! आपके साथ बिताए दिन बढ़े याद आयेंगे॥ "रणदेव" #Waqt #यादें #nojoto #अहसास #दोस्ती #बच्चपन