वो जो बालों में सजाती थी फूल तू गुलाब का, उसमें एक गुलाब हमारा भी था ... वो जो महफ़िल में महकती थी तू गुलाब सी, उसमें इश्क़ ए इक़रार हमारा भी था ... लाख कोशिश की थी मैने नज़रे तुझसे चुराने की, पर तुझसे मिलने का तलबगार दिल हमारा भी था ... Dr.Vishal Singh 7/365 #365days365quotes #solutionofproblem इश्क़ जनाब हमारा भी था, एक गुलाब हमारा भी था... #एकगुलाब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi