रुककर कभी पूछे कोई, छू कर कभी देखे कोई चेहरे को इनसे ढाँक कर, उंगली में थोड़ा बांधकर क्यों बैठी है तस्वीर सी मालूम है नखचीर सी ये हैं तेरी, ज़ुल्फ़ें तेरी ज़ुल्फ़ें! #NojotoQuote