आने वाले कल में खुशियों से राह सजाने के लिए आज के वक्त से गुमनाम हुए जा रहा हूँ इस वक्त के लोगों और खुशियों से अनजान होता जा रहा हूं हां जान पूछ कर खुद को खुद मे खोया जा रहा हूं पता नहीं कि कल के वक्त मे ये खुशियां होंगे या नहीं फिर भी अकेला खुद मे खुद को खोजा जा रहा हूंँ - nayak 0.9 #जिंदगी_के_राह - nayak 0.9