बेशक मेरी आवाज में वो ज़ोर नही है! जो उसको मेरे दर्द का एहसास करा दे! शायद मेरे अल्फ़ाज़ नही है सहर अंगेज़, पथ्थर से बने दिल को जो फिर मोम बना दे! पर फिर भी है दिल को मेरे इस बात की उम्मीद, पढ़ले कहीं मुझको वो ज़माने से छुपा के! हो सकता है दिल उसका भी दे दे वही आवाज़, जिसने मुझे शायर किया रातों को जगा के! #nojoto #poetry #genesis tumhara shayar