Bस Aक किताब हूँ जो Eतनी बंद हैं जिसको Pढ़ पाना इंसान Kया Bगवान की लिए भी नामुनकिन हैं ख़ुद खिसमत हैं जो मुझे Sमझते Vरना Sब के लिए कोरा कागज़ हैं Hम कोई भी आता हैं Aपनी मर्ज़ी से कुछ भी लिख जाता हैं और Kहता हैं तुम Bदल गए हों। #nojoto #kitab #close_book #poetry #kavishala