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स्वतंत्र गगन मिट्टी ने हमे सहेज रखा है बिलकुल एक

स्वतंत्र गगन

मिट्टी ने हमे सहेज रखा है
बिलकुल एक पुष्प के भांति।
हम खिलते है, महकते है,
मुरझाते है, संभलते है।

//कैप्शन में पढ़े मिट्टी ने हमे सहेज रखा है
बिलकुल एक पुष्प के भांति।
हम खिलते है, महकते है,
मुरझाते है, संभलते है।

मगर वो कहते है की उन्हें
आसमान का भ्रमण करना है।
वो किसी स्वतंत्र पाखी सा,
स्वतंत्र गगन

मिट्टी ने हमे सहेज रखा है
बिलकुल एक पुष्प के भांति।
हम खिलते है, महकते है,
मुरझाते है, संभलते है।

//कैप्शन में पढ़े मिट्टी ने हमे सहेज रखा है
बिलकुल एक पुष्प के भांति।
हम खिलते है, महकते है,
मुरझाते है, संभलते है।

मगर वो कहते है की उन्हें
आसमान का भ्रमण करना है।
वो किसी स्वतंत्र पाखी सा,
amargupta4255

amar gupta

New Creator

मिट्टी ने हमे सहेज रखा है बिलकुल एक पुष्प के भांति। हम खिलते है, महकते है, मुरझाते है, संभलते है। मगर वो कहते है की उन्हें आसमान का भ्रमण करना है। वो किसी स्वतंत्र पाखी सा, #IndependenceDay #yqdidi #हिंदी_कविता #गगन #स्वतंत्रतादिवस #कालजयी_श्रुति