श्रीरामचरितमानस! मनुज बहुत बिधि ग्रंथ बनायऊ। रामचरित अस नहिं कहि पायऊ।। धनि धनि तुलसी भक्ति प्रकासा। मनुज जाति कर एकहि आसा।। ©Jupiter and its moon श्रीरामचरितमानस!🙏