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आसरा न दरख़्त साया न घर है कोई, न मंजिल न सफर और न

आसरा न दरख़्त साया न घर है कोई,
न मंजिल न सफर और न रहबर है कोई।

न जीने की तम्मना न मरने इरादा ही है,
न ज़िन्दगी के इधर है कोई, मौत के न उधर है कोई।

~हिलाल हथ'रवी















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©Hilal Hathravi #BooksBestFriends #Ghar #Rahbar #Maut #Saaya
आसरा न दरख़्त साया न घर है कोई,
न मंजिल न सफर और न रहबर है कोई।

न जीने की तम्मना न मरने इरादा ही है,
न ज़िन्दगी के इधर है कोई, मौत के न उधर है कोई।

~हिलाल हथ'रवी















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©Hilal Hathravi #BooksBestFriends #Ghar #Rahbar #Maut #Saaya