किसी ने कहा, मोहब्बत चाइए, किसी ने कहा,घर चाइए, किसी ने कहा,जमीन चाइए, जिसने पूछा था, उससे पूछा ही नहीं, वो गरीब था, उससे कुछ पूछा नहीं, उससे खाना चाइए था, बस, आपने पता नहीं क्या क्या माग लिया, उसे पता ही नहीं कुछ साहब, ओर आप नौकरी भी घटा दिए, ग़रीबी ओर बढ़ा दिए|| #live a life Zindagi