Nojoto: Largest Storytelling Platform

मकानों के जंगल में कितने रिश्ते खोये है दूर हुये

मकानों के जंगल में  कितने  रिश्ते खोये है
दूर हुये थे जो हमसे  उनकी खातिर रोये है
उन्हें एहसास न था कभी अपनों के दर्द का
थे कभी जो अपने यहाँ आज पराये होये है मकानों
मकानों के जंगल में  कितने  रिश्ते खोये है
दूर हुये थे जो हमसे  उनकी खातिर रोये है
उन्हें एहसास न था कभी अपनों के दर्द का
थे कभी जो अपने यहाँ आज पराये होये है मकानों

मकानों