हे! प्रथम पूज्य गौरी नन्दन, सब आपका करते हैं वन्दन। अनुकम्पा आपकी बनी रहे, बन जाए सुखद, सबका जीवन।। हे! एकदंत जिन लोगों पर, रहती है आपकी दया दृष्टि। धन धान्य बांटते भक्तों में, नहीँ कभी सताती उन्हें वृष्टि।। अन्धे कोढ़ी बाँझ निर्धन जन, गणपति सब पर उपकार करें। जिनकी भी भंवर अटकी नैय्या, बप्पा वह नैय्या पार करें।। दर्शन हो जाते भक्तों को, जीवन में आता स्पंदन। घर घर में पधारो गौरीसुत, सब भक्त करेँगे अभिनन्दन।। समाप्त नहीं। धन्यवाद। ©bhishma pratap singh #श्रीगणेश#हिन्दी कविता#काव्य संकलन#भीष्म प्रताप सिंह#समाज एवं संस्कृति #ganesha#October Creator