ज़िंदगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है नादां थे बस उसे दिल दे बैठे जो अपना न था। बार बार दिल दुखाया वो देख बैठे जो सपना न था। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी नादां थे बस