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अश्क़ का इक क़तरा चला आया आज इन आँखों में, बरसों से

अश्क़ का इक क़तरा चला आया
आज इन आँखों में,
बरसों से इनमें बसे ख़्वाबों को धोने।
बहा के ले चला मेरे ख़्वाबों को अपने साथ वो,
मैं देखती रही कुछ पल।
आँखों से मेरे होंठों तक का सफ़र तय किया ही था उसने
 कि मैंने झट से अपने अधरों में क़ैद कर हलक़ के हवाले कर दिया उसे।
और वो सपना फिर से समा गया मेरी आँखों में😊

©Divya Joshi अश्क़ का इक क़तरा चला आया
आज इन आँखों में,
बरसों से इनमें बसे ख़्वाबों को धोने।
बहा के ले चला मेरे ख़्वाबों को अपने साथ वो,
मैं देखती रही कुछ पल।
आँखों से मेरे होंठों तक का सफ़र तय किया ही था उसने
 कि मैंने झट से अपने अधरों में क़ैद कर हलक़ के हवाले कर दिया उसे।
और वो सपना फिर से समा गया मेरी आँखों में😊
अश्क़ का इक क़तरा चला आया
आज इन आँखों में,
बरसों से इनमें बसे ख़्वाबों को धोने।
बहा के ले चला मेरे ख़्वाबों को अपने साथ वो,
मैं देखती रही कुछ पल।
आँखों से मेरे होंठों तक का सफ़र तय किया ही था उसने
 कि मैंने झट से अपने अधरों में क़ैद कर हलक़ के हवाले कर दिया उसे।
और वो सपना फिर से समा गया मेरी आँखों में😊

©Divya Joshi अश्क़ का इक क़तरा चला आया
आज इन आँखों में,
बरसों से इनमें बसे ख़्वाबों को धोने।
बहा के ले चला मेरे ख़्वाबों को अपने साथ वो,
मैं देखती रही कुछ पल।
आँखों से मेरे होंठों तक का सफ़र तय किया ही था उसने
 कि मैंने झट से अपने अधरों में क़ैद कर हलक़ के हवाले कर दिया उसे।
और वो सपना फिर से समा गया मेरी आँखों में😊
divyajoshi8623

Divya Joshi

Silver Star
Growing Creator

अश्क़ का इक क़तरा चला आया आज इन आँखों में, बरसों से इनमें बसे ख़्वाबों को धोने। बहा के ले चला मेरे ख़्वाबों को अपने साथ वो, मैं देखती रही कुछ पल। आँखों से मेरे होंठों तक का सफ़र तय किया ही था उसने कि मैंने झट से अपने अधरों में क़ैद कर हलक़ के हवाले कर दिया उसे। और वो सपना फिर से समा गया मेरी आँखों में😊 #ख्वाब #spirit #विचार #Strongest #motivateyourself #feelstrong