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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाब

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जहाँ से हमें सबसे ज्यादा रुसवाई -बेरुखी और दर्द मिलते हैं लेकिन फिर भी वो हमसे छूट नहीं पाते ...,शायद इसी लिए इन्हें दर्द के रिश्ते कहते हैं ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कैसी विडम्बना है इस जीवन चक्र में जहाँ एक ओर किसान की छत्त पानी टपकाती है ,कभी भगोने में तो कभी बाल्टी में उस पानी को भर कर जीना पड़ता है-पूरी रात इधर से उधर होते हुए वक़्त गुजारना पड़ता है और उस पर सितम ये की और फसल अच्छी हो इसके लिए अच्छी बारिश की अरदास करनी पड़ती है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन चक्र में एक मर्तबा ऐसा वक़्त भी आता है जब ना चाहते हुए भी आपको जीना पड़ता है एक जिन्दा लाश की तरह ,रोज दर्द को खाना पड़ता है- आंसुओं को पीना पड़ता है ,बहुत आसान है मौत से गले मिलना पर फिर लगता है की जो भोगना है इसी जन्म में भोग लें वर्ना फिर इस संगदिल दुनिया में आना पड़ेगा ....,

आखिर में एक ही बात समझ आई की जब दूरियां बढ़ती हैं तो इंसान को ग़लतफ़हमी  में वो सब भी दिखाई देता है जो वास्तिवकता में होता ही नहीं है - इंसान को वो सब भी सुनाई देता है जो कभी कहा ही नहीं गया ....!

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जहाँ से हमें सबसे ज्यादा रुसवाई -बेरुखी और दर्द मिलते हैं लेकिन फिर भी वो हमसे छूट नहीं पाते ...,शायद इसी लिए इन्हें दर्द के रिश्ते कहते हैं ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कैसी विडम्बना है इस जीवन चक्र में जहाँ एक ओर किसान की छत्त पानी टपकाती है ,कभी भगोने में तो कभी बाल्टी में उस पानी को भर कर जीना पड़ता है-पूरी रात इधर से उधर होते हुए वक़्त गुजारना पड़ता है और उस पर सितम ये की और फसल अच्छी हो इसके लिए अच्छी बारिश की अरदास करनी पड़ती है ...,
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जहाँ से हमें सबसे ज्यादा रुसवाई -बेरुखी और दर्द मिलते हैं लेकिन फिर भी वो हमसे छूट नहीं पाते ...,शायद इसी लिए इन्हें दर्द के रिश्ते कहते हैं ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कैसी विडम्बना है इस जीवन चक्र में जहाँ एक ओर किसान की छत्त पानी टपकाती है ,कभी भगोने में तो कभी बाल्टी में उस पानी को भर कर जीना पड़ता है-पूरी रात इधर से उधर होते हुए वक़्त गुजारना पड़ता है और उस पर सितम ये की और फसल अच्छी हो इसके लिए अच्छी बारिश की अरदास करनी पड़ती है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन चक्र में एक मर्तबा ऐसा वक़्त भी आता है जब ना चाहते हुए भी आपको जीना पड़ता है एक जिन्दा लाश की तरह ,रोज दर्द को खाना पड़ता है- आंसुओं को पीना पड़ता है ,बहुत आसान है मौत से गले मिलना पर फिर लगता है की जो भोगना है इसी जन्म में भोग लें वर्ना फिर इस संगदिल दुनिया में आना पड़ेगा ....,

आखिर में एक ही बात समझ आई की जब दूरियां बढ़ती हैं तो इंसान को ग़लतफ़हमी  में वो सब भी दिखाई देता है जो वास्तिवकता में होता ही नहीं है - इंसान को वो सब भी सुनाई देता है जो कभी कहा ही नहीं गया ....!

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जहाँ से हमें सबसे ज्यादा रुसवाई -बेरुखी और दर्द मिलते हैं लेकिन फिर भी वो हमसे छूट नहीं पाते ...,शायद इसी लिए इन्हें दर्द के रिश्ते कहते हैं ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कैसी विडम्बना है इस जीवन चक्र में जहाँ एक ओर किसान की छत्त पानी टपकाती है ,कभी भगोने में तो कभी बाल्टी में उस पानी को भर कर जीना पड़ता है-पूरी रात इधर से उधर होते हुए वक़्त गुजारना पड़ता है और उस पर सितम ये की और फसल अच्छी हो इसके लिए अच्छी बारिश की अरदास करनी पड़ती है ...,