मेरी "माँ" हिंदी अति आहत °°°~°°°~°°°~°°°~°°°~°°° रग-रग में आप ही बहतीं, सांसों में घुल-मिल रहतीं। बगियन में सुमनों-सी खिलतीं, उषा एवं शर्वरी-सी रम्य लगतीं। निशदिन इन पलकों पर निदिया बन टिकतीं, इन कोमल हस्तों पर चटक मेहंदी-सी चढ़ती। इन पांवों में महावर-सी रंगतीं, मुझें मुझसे भी अधिक समझतीं। अधरों पर शब्दांजलियों-सी सजतीं, कुछ अपनीं कहतीं तो कुछ सुनतीं। मानों कभी मईया-सी बन अपार दुलार बरसातीं, तो कभी कान पकड़ शिक्षिका-सी बहु पाठ पढ़ातीं। कभी-कभी बहनों-सी चिढ़तीं, तो कभी मेरी सखि बन जातीं। कभी मेरे हर व्यवहार-सी लगतीं, तो कभी बे-पर स्वप्नों-सी उड़तीं। कैसें कहूँ कि "हृदय" कितनी वेदनाओं को सहती, मेरी "माँ" हिंदी प्रतिपल अपमान ज्वाला में जलतीं। -रेखा "मंजुलाहृदय" #आहत #हिंदी #मेरी_माँ_हिंदी #HindiDiwas2020 #मंजुलाहृदय #Rekhasharma #sep 8th, 2020 Kaju Gautam शिल्पा यादव Srishti Rana😊😊 Asmita Singh Asha sheetal pandya मेरे शब्द Harlal Mahato कवि राहुल पाल Prashant Kumar Tiwari Prakash Kumar V.k.Viraz Sudha Tripathi Neha Pant Nupur Pushpa D Lipsita Palei smita ❤️ ishu Priya Gour indira mansi sahu