गर जिस्मानी होती मोहब्बत हमारी तो यू इबादत ना करता, खुदा का दर्जा दिया तूझको वरना यु रवि तुझसे बिछड़ के तड़पा न होता, खुशियो की दुआ तेरे लिए आज भी करता हु, तू कही उदास न मिले किसी मोड़ पर बस इस बात से डरता हूँ, खुदा-ए-पाक सलामत रखे उनको क्योंकि मैं आज भी मोहब्बत की इबादत करता हु। #जिस्मानी_मोहब्बत #इबादत_ए_इश्क़