वो हमको छोड़ कर जा रहे थे कुछ वादे कुछ कसमे वो हसी वो खुशी वो फूल वो परिन्दे वो दिन वो रात वो जमी वो आसमान वो नीद वो सपने वो यादे वो बाते वो प्यार वो तोहफे वो चेहरा वो आखें वो वास्ता वो रास्ता उनके लिये कुछ लिखती वो उगंलिया पुरी कायनात बस मौन होकर रोय जा रहे थे ©shailesh pandit #रोना