फ़िक्र में तेरी जल, राख़ हो गए "कातिब", जज़्बात मेरे अब, फक़त, विसर्जन चाहते हैं। ©Prashant Shakun "कातिब" फ़िक्र में तेरी जल, राख़ हो गए "कातिब", जज़्बात मेरे अब, फक़त, विसर्जन चाहते हैं। #फ़िक्र #ज़िंदगी_के_किस्से #Bonfire