अजीब हर शक़्स के दस्तूर हो गये, क़रीब गैरों के, अपनों से दूर हो गये, पास रह कर भी कोई पास नहीं रहता, इस फोन के आगे सब मजबूर हो गये ! faizu ansari dard bhare alfaz