तेरे आंखों के आईने मैं चेहरा खुद का देखता हूँ धड़कती साँसों में तेरी एहसास अनोखा देखता हूँ दूरियां बहुत है लेकिन बाहों में तेरी, आसमां अनोखा देखता हूँ नसों में उबलती कोशिशों के आशियाँ अनोखा देखता हूँ देखता हूँ कशमश के बादलों को उजाले से छटते हुए, हर बार इंसान अनोखा देखता हूँ मुलाकातों के सिलसिले यूँही चलते रहे तो, मोहब्बत में डूबे बेईमान अधूरे देखता हूँ तेरी आँखों मे हर बार चेहरा अनोखा देखता हूँ Dedicated to a true friend, true love