#सपनें स्टोरी in Caption,,, *अंकित राज 👑 के 'टचपैड' 📱 से-* #सपनें फिर उसे एहसास हुआ कि ये तो सपना था,,उसने अपनी भीगी पलकें खोली, मोबाइल का लॉक खोला,, समय देखा 4 बजकर 43 मिनिट,, गहरी साँस लेकर एक अफसोस के साथ, मन में उठी हजार ख्वाहिशो को पीसकर वो वापस सो गया। यह अनिकेत के साथ पहली बार नही हुआ, कुछ दिनो के अंतराल में बार बार होता हैं ,,? अब अगले दिन फिर से यही सवाल उसको परेशान करेगा कि "जब मै उसके बारे में कुछ सोचता ही नही, पुरे दिन की उलझनो में माँ पापा से तक बात नही हो पाती,, फिर उसको सोचने का वक्त ही कहाँ हैं मेरे पास?" पुरा दिन वो यही सोचता रहेगा, अपने आप से यही पूछता रहेगा कि "मेरी शादी को एक साल हो चुका फिर भी वो 12 साल पुरानी जिन्दगी मेरा पीछा क्यू नही छोड़ रही,, क्यू ना चाहतें हुए भी उसके सपने आते हैं?क्यूँ?" शायद पहला प्यार,, नहीं नहीं इतनी कम उम्र में प्यार व्यार कोई होता है क्या भला,, इस दुनिया को रास नहीं आयगा कि जब वो कन्चे खेलते थे तब इस अनिकेत को प्यार का मतलब कैसे पता था।चलो, आकर्षण कह लेते है,,, ठीक रहेगा। खैर छोडिए ये जो भी था,, पर यह वहीं था जो बचपन में एक बच्चे को बच्चे से एक वयस्क बना देता हैं, वो मासूम सा नटखट सा, परिवार के समक्ष तो अपनी कलाएं प्रदर्शित करता है, किंतु अकेले में आंसू काफी बहाता हैं। वो सोचता है, बहोत सोचता है, अपने तीन कोने वाले दिल की ये उमड़ती हुई भावनाएँ, अपने स्कूल की अपनी क्लास की वो मोहक सी परी को कैसे समझाई जाय । वो जानता है, ये बचपन हैं,इस हरकत से परिवार में उसकी छबी नटखट कृष्ण से कही यकायक शक्ति कपूर मे तब्दील ना हौ जाय । फिर क्या वो खुद को समझाता है , बहोत समझाता है ।