Nojoto: Largest Storytelling Platform

शारदियों की मौसम था सुबह की चाय में दिन की शुरुआ

शारदियों की मौसम था 
सुबह की चाय में 
दिन की शुरुआत कुछ 
पल बिताने के लिए
चल दिया करते थे।
दिन गुज्जर गया गुलाब सुख गई 
मगर सुखी हुई गुलाब नहीं फेंका  नहीं।
मंदिर के दर्शन और 
दिया जलाती हुई उनके साथ
रात में कोयल की आवाज़ से लेकर 
सुबह की मुर्गी की आवाज़ तक 
की बात रात से सुबह कर लिया करते थे।
याद आ रहा है वो पल 
जब घबरा हुआ सा लड़का बेपनाह 
प्यार करना सिख लिया।
झूला झूलने से डरती ही लड़की को
कैसे अपने बाहों में रखा था।
cold drinks  से लेकर गोलगप्पे तक
का सफर और cycle से लेकर scooty के सफर में 
रास्ते में हाथ में हाथ मिलाकर चलने में  
और उसकी नाम की आगोन्थी  
 पहना कर अपना करने वाला।
मगर समय चलती गई...
जब वादा किया था साथ नहीं छोड़ेंगे।  
और आज देखो.....
लड़की दुख, परेशानियां, अकेलापन, 
उदासी से तडप  रही है....
आखिर में ....वो लड़की की बस यही ख्वाहिश है
कभी ना कभी बात करेंगे...
उसके साथ फिर से देंगे....
बस यही उम्मीद लेकर इंतजार से बैठी है....
बस इंतजार से बैठी है....

©Ananya
  uska intezaar hai...
anusuyanayak8682

Ananya

New Creator

uska intezaar hai... #Shayari

117 Views