#प्रेमरंग प्रेमक फूल का हुआ उदगम जो कली मनभावन प्रेम दीवानी मेरी राधा सजी....। प्रेमक संवाद का जब मिलन के फुल खिले , हर साख का पत्ता पत्ता चहक उठे | जब दीदार नैनो से नैनो का हुआ , तो मन कृष्णा सा पुलक उठे। तुम्हारा राधा मन सा मेरा कृष्ण मन सा जब मिलन हुआ, तो अंतर्मन शहद सा सुरभ उठे। मिली जो तुम्हारी मुँस्कान मधुबन में बजने लगे बासुरी, रोम रोम मन मन मेरा बाबारा हो उठा । तुम राधा सी मैं तुम्हारा कृष्णा मौसम बसन्त हुई , मन का कली कली उमंग से महक उठे। प्रेमराग हुआ जो टिप टिप केसर सा सावन बरसे , होठो पे जो लालिमा उभरी वादियां कश्मीरी रंग में सज उठे । प्रेमरंगों का जब तन मन में मिलन सुशोभित , नीली चादर पर संतरंगी इंद्रधनुष चमक उठे | 🤔#निशीथ 🤔 ©Nisheeth pandey #प्रेमरंग प्रेमक फूल का हुआ उदगम जो कली मनभावन प्रेम दीवानी मेरी राधा सजी....। प्रेमक संवाद का जब मिलन के फुल खिले , हर साख का पत्ता पत्ता चहक उठे |