हम आसमा के परिंदे है हमें उड़ना अच्छा लगता है यूं ना लगाओ बंदिशे स्वतंत्र रहना अच्छा लगता है चंद ख्वाहिशें हमारे हैं मुट्ठी भर अरमा हमारे हैं सपनो का बवंडर है महफिलों का शोर नही यहां स्वर्ग सा जीवन है यहां चुगने को दाना यहां फिर क्यूं जाएं और जहां ना चाहत है तुम सा यहां बस बीता भर जगह मिले घोंसला बने जहां क्यूं जाल बिछाए तुम यहां पिंजड़ा नही घर हमारा हम स्वतंत्र रहे यहां हम आसमा के परिंदे है हमें उड़ना अच्छा लगता है यूं ना लगाओ बंदिशे स्वतंत्र रहना अच्छा लगता है ©Kabita Kumari Singh #asaman #parinda