Nojoto: Largest Storytelling Platform

चिंतन मनन से तप बड़ा है चिंतामणि बीड़ी बेच रहा है मन

चिंतन मनन से तप बड़ा है
चिंतामणि बीड़ी बेच रहा है
मन्त्रणा विशारद
है वो दिव्य पारस
बना दूसरे का सोना खुद मिट्टी ढो रहा है
संकल्प विहीन तप विहीन निरीह किस्मत को रो रहा है ।।।मौजज़ा©।।। #ek sher
चिंतन मनन से तप बड़ा है
चिंतामणि बीड़ी बेच रहा है
मन्त्रणा विशारद
है वो दिव्य पारस
बना दूसरे का सोना खुद मिट्टी ढो रहा है
संकल्प विहीन तप विहीन निरीह किस्मत को रो रहा है ।।।मौजज़ा©।।। #ek sher
atulkaul1881

Atul Kaul

New Creator