मेरे बस में नहीं वरना कुदरत का लिखा काटता तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई और काटता, लहरों से ज़्यादा बहाओ था तेरे हर एक लफ़्ज़ में में इशारा नहीं काट सकता तेरी बात क्या काटता! #gazali_ #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì