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मेरे हुश्न और खूबसूरती पर न जाने कितनो ने शेरो शा

मेरे हुश्न और खूबसूरती पर न जाने 
कितनो ने शेरो शायरी की होगी,
पर मेरे अंदर के डर और दर्द को 
कभी महसूस न किया होगा।
शुक्र गुजार हूं कुदरत का की 
उसने मुझे खूबसूरती से नवाजा,
पर मेरे लिए सब के मन में और 
दिल में क्या है ये सब जानते है,
मुझे समझना कोई नही चाहता 
बस सब भोगना चाहते है।
काश मेरे अंदर के डर और भय को कोई दूर करता,
मैं भी आजाद होती अगर ना कोई मजबूर करता।
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सतीश कौशल

©Satish Kaushal
  #aaina