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हम तन्हा रूह लिए बैठे थे बाजार-ए-इश्क़ में सब जिस

हम तन्हा रूह लिए बैठे थे बाजार-ए-इश्क़ में 
सब जिस्म के तलबगार थे रूह का कोई नहीं

©Quseem Faruqui
  #Yaatra

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